आज के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। हमारे दिन की शुरुआत भी मोबाइल फोन से होती है और अंत भी। बड़े तो बड़े, बच्चों को भी इसकी लत लग गयी है। आजकल के अभिभावक भी अपनी परेशानी से बचने के लिए छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में फोन पकड़ा देते है, वही बच्चों की आदत मुख्य रूप से वॉयस कॉल के लिए उपयोग किया जाने वाला उपकरण है। वर्तमान में तकनीकी प्रगति ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है। आज, एक मोबाइल फोन की मदद से हम दुनिया भर में किसी से भी आसानी से बात कर सकते हैं या वीडियो चैट कर सकते हैं। हो जाती है। जोकि बिलकुल ठीक नहीं है। पहला फोन 1973 से पहले, मोबाइल टेलीफोनी कारों और अन्य वाहनों में स्थापित फोन तक सीमित था। मोटोरोला पहली कंपनी थी जिसने हैंडहेल्ड मोबाइल फोन का उत्पादन किया। 3 अप्रैल, 1973 को, मोटोरोला के एक शोधकर्ता और कार्यकारी, मार्टिन कूपर ने हैंडहेल्ड सब्सक्राइबर उपकरणों से पहला मोबाइल टेलीफोन कॉल किया, जो उनके प्रतिद्वंदी बेल लैब्स के डॉ जोएल.एस.एंगेल को किया गया कॉल था। डॉ. कूपर द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्रोटोटाइप हैंडहेल्ड फोन का वजन 1.1 किलोग्राम था और...
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